रेग्यूलेटिंग एक्ट


1764 बक्सर युद्ध के पश्चात क्लाइव ने बंगाल, बिहार, उड़ीसा पर दोहरे शासन प्रबंध के अंतर्गत शासन करना आरंभ किया। यह व्यवस्था 7 वर्षों तक जारी रही। इस समय कर्मचारियों के मध्य भ्रष्टाचार अपने उच्च स्तर पर था। निजी व्यापार रिश्वत आदि से कर्मचारी मालामाल हो रहे थे जबकि कंपनी मुनाफा नहीं कमा पा रही थी । इसी बीच ब्रिटिश सरकार ने कंपनी के मामले में कुछ कानून बनाने का निश्चय किया जिसमें रेगुलेटिंग एक्ट 1773 प्रथम था।


अधिनियम के प्रावधान कुछ इस प्रकार थे :

1. बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बना दिया गया जिसके अधीन मद्रास तथा मुंबई के गवर्नर कर दिए गए।

2. प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया।

3. गवर्नर जनरल की सहायता के लिए चार सदस्यीय कार्यकारी परिषद का गठन किया गया जिसका कार्यकाल 5 वर्ष का था। यह सदस्य क्लेवरिंग, मानसल, बरवैल तथा फिलिप फ्रांसिस थे तथा कोर्ट ऑफ़ डायरेक्टर की सिफारिश पर सम्राट द्वारा इन्हें हटाया जा सकता था।

4. निर्णय बहुमत के आधार पर होता था निर्णायक मत का अधिकार गवर्नर जनरल के पास था।

5. कोर्ट ऑफ डायरेक्टर 4 वर्ष के लिए चुने जाने लगे प्रतिवर्ष एक- चौथाई सदस्य को अवकाश लेना पड़ता था तथा उनके स्थान पर नए सदस्य निर्वाचित होते थे।

6. इस एक्ट के तहत 1774 में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य तीन सहायक न्यायाधीश थे। प्रथम मुख्य न्यायाधीश सर एलिजा  एम्पे थे।

7. 500 पाउंड के स्थान पर 1000 पाउंड के शेयरधारकों को कोर्ट आफ डायरेक्टर्स चुनने का अधिकार दिया गया।

8. कानून बनाना गवर्नर जनरल तथा कार्यकारी परिषद का कार्य था किंतु उसे लागू करने से पूर्व भारत सचिव की अनुमति आवश्यक थी।

रेगुलेटिंग एक्ट को संशोधित करते हुए 1781 में संशोधन अधिनियम पारित किया गया जिसे एक्ट ऑफ़ सेटलमेंट  कहते हैं इसके प्रावधान निम्न थे :

1. इसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायक्षेत्रो को स्पष्ट किया गया जिसमें सर्वोच्च न्यायालय पर यह रोक लगा दी गई कि वह कंपनी के कर्मचारियों के उन कार्यो के विरुद्ध कार्यवाही नहीं कर सकता जो उन्होंने सरकारी अधिकारी की हैसियत से किया हो।

2. कानून बनाने व लागू करते समय भारतीयों के सामाजिक तथा धार्मिक रीति-रिवाजों का सम्मान करने का निर्देश दिया गया।

3. कोलकाता की सरकार को बंगाल, बिहार,उड़ीसा के लिए भी विधि बनाने का अधिकार दिया गया।

                                                    ✍✍✍ शोभित अवस्थी

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