पश्चिमी घाट पर्वत को संस्कृत भाषा में सहयाद्रि नाम से जाना जाता है। यह भारत में हिमालय के बाद दूसरा सबसे लंबा पर्वत है और यदि केवल भारत मे स्थित पर्वतों की बात करें तो पश्चिमी घाट पर्वत सबसे लंबा पर्वत है।
वास्तव में पश्चिमी घाट पर्वत एक पर्वत ना होकर टूटा हुआ भ्रंश कगार है जोकि इंडियन प्लेट और अफ्रीकन प्लेट के टूटने से निर्मित हुआ है। खड़ी ढाल होने के कारण पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर अरब सागर में गिरने वाली नदियां छोटी हैं और डेल्टा के स्थान पर ज्वारनदमुख का निर्माण करती है।
शरावती नदी पर स्थित गरसोप्पा या जोग जल प्रपात पश्चिमी घाट पर्वत पर स्थित है।
पश्चिमी घाट पर्वत गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा से कन्याकुमारी तक 1600 किलोमीटर लंबाई में विस्तृत है। पश्चिमी घाट पर्वत का विस्तार 160,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल पर महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक तथा केरल राज्य में है। यह पश्चिमी तट के समानांतर सागर तट से 30- 100 किलोमीटर के अंतर से उत्तर दक्षिण दिशा में विस्तृत है । इसकी चौड़ाई लगभग 100 किलोमीटर(पूर्व पश्चिम) तथा औसत ऊंचाई 900 किलोमीटर तक है।
पश्चिमी घाट पर्वत की सर्वोच्च चोटी पालनी पहाड़ी पर स्थित अनाइमुडी चोटी (2695 मी०) है जो कि दक्षिण भारत की भी सर्वोच्च चोटी है। इसके अतिरिक्त बेसाल्ट चट्टानों से निर्मित उत्तरी सहयाद्रि की सर्वोच्च चोटी 'काल्सुबाई' है जो कि महाराष्ट्र मैं स्थित है। काल्सुबाई चोटी के दक्षिण में महाबलेश्वर की चोटी है।
सहयाद्रि पर्वत की उचाई उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती जाती है और दक्षिण में जाकर ही पश्चिम घाट पर्वत, पूर्वी घाट पर्वत से मिलकर नीलगिरी पर्वतीय गांठ का निर्माण करता है। दक्षिण भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी डेडाबेटा (2637 मी०) इसी नीलगिरी पर्वत पर स्थित है।
पश्चिमी घाट पर्वत पर तीन प्रमुख थालघाट दर्रा, भोरघाट दर्रा तथा पालघाट दर्रा स्थित है जिनसे होकर क्रमशः मुंबई-आगरा सड़क मार्ग,मुंबई-पुणे सड़क मार्ग तथा केरल- मद्रास सड़क मार्ग गुजरते हैं।
भारत में मानसून चक्र को पूरी तरह प्रभावित करने वाले पश्चिमी घाट पर्वत श्रंखला जैविकीय विविधता की दृष्टि से विश्व में आठवां स्थान प्राप्त करता है।
इस पर्वत श्रेणी के 39 स्थानों को UNESCO ने विश्व धरोहर सूची मे शामिल किया है। हिमालय से अति प्राचीन पश्चिमी घाट पर्वत में कम से कम 84 ऊभयचर प्रजातियां ,16 पक्षियों की प्रजातियां और 7 स्तनपायी और 1600 फूलों की प्रजातियां पाई जाती है अतः यह विश्व के प्रमुख जैवविविधता हॉटस्पॉट में से एक है।
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