सतपुड़ा पर्वत श्रेणी

सतपुड़ा पर्वत श्रेणी

  सतपुड़ा शब्द 'सप्त पुत्र'  का अपभ्रंश माना जाता है। हिंदू धर्म के महान ग्रंथ महाभारत में नर्मदा और ताप्ती के बीच एक विशाल पर्वत के तौर पर इस पर्वत श्रेणी का वर्णन है।                               सतपुड़ा श्रेणी मध्य भारत के 4 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ में 900 किलोमीटर तक विस्तृत है। यह विंध्य पर्वतमाला तथा कर्क रेखा के समांतर पश्चिम से पूर्व की ओर फैला हुआ है। सतपुड़ा तथा विंध्य पर्वतमाला सम्मिलित रूप से भारत को दो भागो उत्तर भारत का मैदान तथा दक्षिण के प्रायद्वीपीय पठार में  बांटता है है। सतपुड़ा पर्वत माला का विस्तार राजपीपला,  महादेव तथा मैकाल पहाड़ी के रूप में छोटा नागपुर पठार तक है।

  सतपुड़ा रेंज की सर्वोच्च चोटी धूपगढ़ चोटी (1352 मीटर) महादेव पहाड़ी पर स्थित है। धूपगढ़ चोटी के पास ही पंचमणि हिल स्टेशन है जिसे सतपुड़ा की रानी उपनाम दिया जाता है। मैकाल पहाड़ी की सर्वोच्च चोटी अमरकंटक (1336 मीटर )से नर्मदा, सोन ,जोहिला आदि नदियां निकलती है। यहीं पर हिंदुओं के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक ओमकारेश्वर मंदिर स्थित है।
                   सतपुड़ा पर्वत श्रेणी उत्तर में नर्मदा तथा दक्षिण में तापी नदियों की भृंश घाटियों के मध्य स्थित एक ब्लॉक पर्वत है जो ग्रेनाइट तथा बेसाल्ट  चट्टानों से निर्मित है। यह एक विशाल वनों का प्रदेश है जिसमें साल ,सागौन ,बास ,महुआ आदि औषधीय पौधे पाए जाते हैं। यहां 62 -150 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है। यहां के वनों में बंगाल टाइगर, गौ, सुस्ती भालू, चार सिंह वाला मृग ,और कृष्णभक्षी आदि जानवर पाए जाते हैं इसके अतिरिक्त पहले यहां जंगली भारतीय हाथी तथा शेर भी देखने को मिलते थे।
                     सतपुड़ा में कई रिजर्व भी स्थित हैं जैसे कान्हा टाइगर रिजर्व ,पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व, बोरी रिजर्व फॉरेस्ट, गूगल तथा सतपुड़ा नेशनल पार्क आदि।   अतः सतपुड़ा भारत का एक अद्वितीय प्राकृतिक विरासत वाला क्षेत्र है।

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